RBI New Guideline: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में लोन पर लगने वाले पेनल चार्ज और पेनल इंटरेस्ट के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू हो गए हैं। इनका मुख्य उद्देश्य कर्जदारों को अनुचित जुर्माने से बचाना और बैंकों को ऋण देने की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शी बनाना है।
नए नियमों की मुख्य बातें
1. बैंक अब देर से EMI भुगतान पर पेनल इंटरेस्ट नहीं लगा सकते।
2. पेनल चार्ज लोन की मूल राशि में नहीं जोड़ा जा सकता।
3. पेनल चार्ज पर अतिरिक्त ब्याज की गणना नहीं की जा सकती।
4. पेनल चार्ज केवल डिफॉल्ट राशि पर ही लगाया जा सकता है।
5. एक ही लोन प्रोडक्ट के लिए रिटेल और कॉरपोरेट कर्जदारों पर समान पेनल्टी लगेगी।
नियमों का कार्यान्वयन
नए लोन के लिए ये नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू हो गए हैं। मौजूदा लोन के लिए ये 1 जून 2024 से लागू होंगे। RBI ने बैंकों को अपनी प्रणालियों को समायोजित करने के लिए अधिक समय दिया है।
कर्जदारों के लिए फायदे
1. अनुचित पेनल चार्ज से मुक्ति
2. लोन की लागत में कमी
3. अधिक पारदर्शी ऋण प्रक्रिया
4. बेहतर ग्राहक सेवा
5. वित्तीय बोझ में कमी
बैंकों पर प्रभाव
1. लोन समझौतों की समीक्षा और संशोधन
2. पेनल चार्ज की संरचना में बदलाव
3. ग्राहकों को नए नियमों के बारे में सूचित करना
4. आंतरिक प्रणालियों में बदलाव
5. कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना
पेनल चार्ज और पेनल इंटरेस्ट में अंतर
पेनल चार्ज एक निश्चित राशि है जो डिफॉल्ट पर लगाई जाती है, जबकि पेनल इंटरेस्ट मौजूदा ब्याज दर के ऊपर एक अतिरिक्त दर है। नए नियमों के तहत, पेनल इंटरेस्ट अब नहीं लगाया जा सकता।
नए नियमों का दायरा
ये नियम होम लोन, पर्सनल लोन, ऑटो लोन, एजुकेशन लोन, क्रेडिट कार्ड और बिजनेस लोन पर लागू होंगे। हालांकि, विदेशी मुद्रा ऋण, निर्यात ऋण और कुछ अन्य विशेष लोन इनसे बाहर रखे गए हैं।
पेनल चार्ज का निर्धारण
RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि पेनल चार्ज उचित, तर्कसंगत और गैर-भेदभावपूर्ण होना चाहिए। चार्ज का उद्देश्य राजस्व बढ़ाना नहीं, बल्कि जिम्मेदार क्रेडिट व्यवहार को प्रोत्साहित करना होना चाहिए।
ग्राहकों के लिए पारदर्शिता
बैंकों को पेनल चार्ज के बारे में पूरी जानकारी लोन समझौते और महत्वपूर्ण दस्तावेजों में देनी होगी। केवल वेबसाइट पर जानकारी प्रदर्शित करना पर्याप्त नहीं होगा।
मौजूदा लोन के लिए प्रावधान
मौजूदा लोन के लिए नए नियम 1 जून 2024 से या अगली समीक्षा/नवीनीकरण की तारीख पर लागू होंगे। अगर यह तारीख 30 जून 2024 के बाद है, तो भी नियम 30 जून 2024 से लागू हो जाएंगे।
RBI के ये नए नियम कर्जदारों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इनसे न केवल कर्जदारों को अनुचित शुल्क से राहत मिलेगी, बल्कि ऋण प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। हालांकि, बैंकों को अपनी प्रणालियों में बदलाव करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। कुल मिलाकर, ये नियम वित्तीय क्षेत्र में एक स्वस्थ और न्यायसंगत वातावरण बनाने में मदद करेंगे, जो अंततः देश की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा।