PM Kisan 18th Instalment: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारत के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता कार्यक्रम है। इस योजना की शुरुआत 2019 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य है किसानों को सीधे आर्थिक मदद पहुंचाना। इस योजना के तहत, केंद्र सरकार हर साल किसानों को 6,000 रुपये देती है। यह राशि तीन बराबर किस्तों में दी जाती है, यानी हर किस्त में 2,000 रुपये मिलते हैं।
18वीं किस्त की घोषणा: किसानों के लिए खुशखबरी
किसानों के लिए अच्छी खबर है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 18वीं किस्त जल्द ही आने वाली है। सरकार ने बताया है कि यह किस्त 5 अक्टूबर को जारी की जाएगी। इस किस्त में, करीब 9 करोड़ किसानों के बैंक खातों में सीधे 2,000 रुपये भेजे जाएंगे। यह पैसा किसानों की मदद के लिए बहुत जरूरी है।
किस्त पाने के लिए जरूरी कदम
किसानों को इस योजना का फायदा लेने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा:
1. ई-केवाईसी जरूरी है: सभी किसानों को ई-केवाईसी करवानी होगी। यह आपकी पहचान की पुष्टि करने के लिए जरूरी है।
2. ई-केवाईसी के तरीके:
- मोबाइल पर एसएमएस भेजकर
- अंगूठे का निशान या आंख की पुतली से पहचान
- चेहरे की पहचान से (मोबाइल ऐप पर)
3. ई-केवाईसी कहां करवाएं:
- कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर
- राज्य सेवा केंद्र (SSK) पर
- पीएम किसान की वेबसाइट पर ऑनलाइन
ई-केवाईसी न करवाने पर क्या होगा?
अगर कोई किसान ई-केवाईसी नहीं करवाता है, तो उसे योजना का लाभ मिलने में परेशानी हो सकती है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि सभी किसान अपनी ई-केवाईसी पूरी करें।
योजना का महत्व
1. सीधा पैसा: इस योजना में पैसा सीधे किसानों के बैंक खाते में जाता है। इससे बीच में पैसे के गायब होने का डर नहीं रहता।
2. नियमित मदद: हर साल तीन बार पैसे मिलने से किसानों को नियमित आर्थिक सहायता मिलती रहती है।
3. बड़ी पहुंच: करीब 9 करोड़ किसान इस योजना से फायदा उठा रहे हैं। यह दिखाता है कि यह योजना बहुत से किसानों तक पहुंच रही है।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना भारत के किसानों के लिए बहुत मददगार है। 18वीं किस्त का जल्द आना किसानों के लिए राहत की बात है। लेकिन यह याद रखना जरूरी है कि सभी किसान अपनी ई-केवाईसी जरूर पूरी करें, ताकि उन्हें इस मदद से वंचित न रहना पड़े। यह योजना न सिर्फ किसानों को पैसे देती है, बल्कि खेती के काम में पारदर्शिता और सुधार भी लाती है। इस तरह, यह योजना देश के किसानों और खेती को मजबूत बनाने में मदद कर रही है।