RBI New Guideline: आज के समय में, नकली मुद्रा एक गंभीर समस्या बन गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों में 5.45 करोड़ रुपये से अधिक के नकली नोट पाए गए। यह आंकड़ा चिंताजनक है और इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि असली नोट की पहचान कैसे करें। इस लेख में, हम 500 रुपये के नोट की प्रामाणिकता जांचने के लिए आरबीआई द्वारा बताए गए 18 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
500 रुपये के नोट की पहचान के प्रमुख बिंदु
1. महात्मा गांधी की तस्वीर
नोट के केंद्र में महात्मा गांधी की तस्वीर मुद्रित है। यह तस्वीर स्पष्ट और सुपाठ्य होनी चाहिए।
2. भाषा पैनल
नोट पर “भारत” और “India” शब्द स्पष्ट रूप से लिखे होने चाहिए। यह दोनों भाषाओं में देश का नाम दर्शाता है।
3. लाल किला और तिरंगा
नोट के पीछे की तरफ भारतीय ध्वज के साथ लाल किले की तस्वीर छपी होती है। यह चिह्न भारतीय संस्कृति और स्वतंत्रता का प्रतीक है।
4. छपाई का वर्ष
प्रत्येक नोट पर उसकी छपाई का साल अंकित होता है। यह जानकारी नोट के निचले हिस्से में मिल सकती है।
5. स्वच्छ भारत लोगो
नोट पर “स्वच्छ भारत” अभियान का लोगो मुद्रित होता है। यह सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल को दर्शाता है।
6. वाटरमार्क
नोट को प्रकाश के सामने रखने पर “500” अंक का वाटरमार्क दिखाई देता है। यह एक महत्वपूर्ण सुरक्षा विशेषता है।
7. लेटेंट इमेज
नोट को 45 डिग्री के कोण पर रखने पर “500” अंक दिखाई देता है। यह विशेषता नकली नोटों में नहीं होती।
8. देवनागरी में मूल्य
नोट पर देवनागरी लिपि में “500” लिखा होता है। यह भारतीय भाषाओं के प्रति सम्मान दर्शाता है।
9. सुरक्षा धागा
नोट को हल्का मोड़ने पर सुरक्षा धागे का रंग हरे से नीले में बदलता हुआ दिखाई देता है। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण सुरक्षा विशेषता है।
10. गवर्नर के हस्ताक्षर
नए नोट में आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर, गारंटी खंड, वचन खंड और आरबीआई का लोगो दाईं ओर स्थित होते हैं।
11. इलेक्ट्रोटाइप वाटरमार्क
महात्मा गांधी की तस्वीर के साथ इलेक्ट्रोटाइप वाटरमार्क भी दिखाई देता है। यह एक अतिरिक्त सुरक्षा विशेषता है।
12. क्रमांक का आकार
नोट के ऊपरी बाएं और निचले दाएं कोने पर अंक बाएं से दाएं की ओर बड़े होते जाते हैं। यह विशेषता नकली नोटों में दोहराना मुश्किल होता है।
13. रंग परिवर्तन अंक
नोट पर “500” अंक का रंग हरे से नीले में बदलता है। यह रंग परिवर्तन स्पष्ट होना चाहिए।
14. अशोक स्तंभ
नोट के दाईं ओर अशोक स्तंभ का चिह्न मुद्रित होता है। यह भारतीय राष्ट्रीय प्रतीक है।
15. वृत्त में मूल्य
दाईं ओर एक वृत्ताकार बॉक्स में “500” लिखा होता है, जिसके दोनों ओर 5 ब्लीड लाइनें होती हैं।
16. रफ प्रिंटिंग
अशोक स्तंभ का प्रतीक और महात्मा गांधी की तस्वीर रफ तरीके से मुद्रित की जाती हैं। इसे महसूस किया जा सकता है।
17. भाषा पैनल
नोट के मध्य में विभिन्न भारतीय भाषाओं में “500” लिखा होता है।
18. देवनागरी मूल्य
नोट पर देवनागरी लिपि में “500” स्पष्ट रूप से मुद्रित होता है।
नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए विशेष सुविधाएं
500 रुपये का नोट नेत्रहीन व्यक्तियों की सुविधा को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है। इसमें निम्नलिखित विशेषताएं शामिल हैं:
1. अशोक स्तंभ का उभरा हुआ चिह्न
2. महात्मा गांधी की उभरी हुई तस्वीर
3. महसूस की जा सकने वाली ब्लीड लाइनें
4. स्पर्श द्वारा पहचाने जा सकने वाले पहचान चिह्न
ये विशेषताएं नेत्रहीन व्यक्तियों को नोट की प्रामाणिकता जांचने में मदद करती हैं।
नागरिकों की जिम्मेदारी
500 रुपये के नोट की प्रामाणिकता सुनिश्चित करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। आरबीआई द्वारा बताए गए इन 18 बिंदुओं को ध्यान में रखकर, हम आसानी से असली और नकली नोट में अंतर कर सकते हैं। यह न केवल हमारी व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।
क्या करें अगर आपको नकली नोट मिले?
अगर आपको कोई संदिग्ध नोट मिलता है, तो निम्नलिखित कदम उठाएं:
1. नोट को ध्यान से जांचें और उपरोक्त बिंदुओं से मिलान करें।
2. अगर आपको लगता है कि नोट नकली है, तो इसे तुरंत अपने नजदीकी बैंक या पुलिस स्टेशन में जमा करें।
3. नोट के बारे में जितनी जानकारी हो सके, उतनी प्रदान करें, जैसे कि आपको यह कहां से मिला।
4. किसी भी परिस्थिति में नकली नोट का उपयोग न करें, क्योंकि यह एक गंभीर अपराध है।
नकली मुद्रा की समस्या से निपटने के लिए जागरूकता और सतर्कता बहुत महत्वपूर्ण है। 500 रुपये के नोट की प्रामाणिकता जांचने के लिए आरबीआई द्वारा बताए गए इन 18 बिंदुओं को याद रखें और अपने आस-पास के लोगों को भी इस बारे में शिक्षित करें। याद रखें, सतर्कता ही सुरक्षा है। अपने पैसों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ, आप देश की आर्थिक सुरक्षा में भी योगदान दे रहे हैं।
आइए, हम सब मिलकर नकली मुद्रा के खिलाफ इस लड़ाई में अपना योगदान दें और एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के निर्माण में सहायक बनें।