RBI New Rule: आज के समय में बहुत से लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंकों से लोन लेते हैं। लेकिन कई बार, विभिन्न कारणों से, लोग इन लोन को समय पर चुका नहीं पाते। ऐसी स्थिति में, बैंक और लोन लेने वालों के बीच तनाव पैदा हो जाता है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में कुछ नए नियम जारी किए हैं। आइए इन नियमों के बारे में विस्तार से जानें।
डिफॉल्ट नोटिस भेजना अनिवार्य
आरबीआई के नए नियमों के अनुसार, बैंकों को लोन डिफॉल्टर के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले एक औपचारिक डिफॉल्ट नोटिफिकेशन भेजना अनिवार्य हो गया है। यह नोटिस बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि:
1. इसमें लोन की बकाया राशि, ब्याज और अन्य शुल्कों की जानकारी होती है।
2. यह ग्राहक को अपनी स्थिति समझने और उचित कदम उठाने का मौका देता है।
3. बिना नोटिस भेजे, बैंक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकता।
रिकवरी एजेंटों पर नियंत्रण
लोन वसूली के दौरान होने वाली परेशानियों को रोकने के लिए, आरबीआई ने रिकवरी एजेंटों के लिए कड़े नियम बनाए हैं:
1. केवल प्रशिक्षित और प्रमाणित रिकवरी एजेंट ही काम कर सकते हैं।
2. एजेंटों को किसी भी तरह की धमकी या शारीरिक बल का उपयोग करने की मनाही है।
3. ग्राहकों से शिष्टाचार के साथ बातचीत करना अनिवार्य है।
शिकायत निवारण तंत्र
ग्राहकों की सुरक्षा के लिए, हर बैंक को एक प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना होगा:
1. ग्राहक लोन वसूली प्रक्रिया से संबंधित अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
2. बैंकों को इन शिकायतों का समय पर और निष्पक्ष तरीके से निपटारा करना होगा।
3. यह प्रणाली ग्राहकों को न्याय दिलाने में मदद करेगी।
विलफुल डिफॉल्टर्स की जांच
बड़े लोन डिफॉल्टर्स पर नकेल कसने के लिए, आरबीआई ने कुछ विशेष निर्देश दिए हैं:
1. 25 लाख रुपये और उससे अधिक के सभी एनपीए खातों में विलफुल डिफॉल्टर्स की जांच होगी।
2. यह प्रक्रिया 6 महीने में पूरी की जाएगी।
3. जानबूझकर लोन न चुकाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
तकनीकी राइट ऑफ पर प्रतिबंध
लोन को राइट ऑफ करने की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए:
1. बैंकों को तकनीकी राइट ऑफ प्रक्रिया पर कड़े नियम लागू करने होंगे।
2. किसी भी लोन को राइट ऑफ करने से पहले बोर्ड की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा।
3. यह कदम अनावश्यक लोन राइट ऑफ को रोकने में मदद करेगा।
आरबीआई के ये नए नियम लोन न चुकाने वाले लोगों और बैंकों दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये नियम एक ओर जहां ग्राहकों को अनुचित दबाव और परेशानी से बचाते हैं, वहीं दूसरी ओर बैंकों को अपने पैसे वसूल करने का उचित अवसर भी देते हैं। इन नियमों का पालन करने से बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वास बढ़ेगा।
लोन लेने वाले लोगों को चाहिए कि वे अपने वित्तीय दायित्वों को समझें और समय पर लोन चुकाने का प्रयास करें। अगर किसी कारण से लोन चुकाने में समस्या आ रही है, तो तुरंत बैंक से संपर्क करके समाधान निकालने का प्रयास करें। याद रखें, समय पर संवाद और सहयोग से कई समस्याओं का हल निकाला जा सकता है।